Top 5 Famous Temples in India: प्राचीन काल से ही भारत अपने धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन के लिए समूचे विश्व में प्रसिद्ध रहा है। आध्यात्मिकता भारतीय समाज का अभिन्न अंग है। इसका प्रभाव भारतवर्ष में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक जीवन में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। सनातन धर्म में 33 कोटि देवी देवता की कल्पना की जाती है। यही कारण है कि देश के कोने कोने में विभिन्न देवी देवताओं के मंदिर स्थापित किए गए है। ये मंदिर ना सिर्फ अपनी अध्यामिता के लिए प्रसिद्ध है बल्कि इनके वास्तुकला और शिल्पकला इनके ऐतिहासिकता को अत्यधिक खूबसूरत दर्शाती है। यही कारण है कि लाखों भक्त रोजाना इन मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंचते है। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में भारत के प्रसिद्ध 5 मंदिर बताएंगे। जिनकी आस्था और भव्यता देखते ही बनती है।
Vaishno Devi Mandir Jammu Kashmir
नौ दुर्गाओं में माता दुर्गा का अवतार माने जाने वाली माता वैष्णो देवी का मंदिर जम्मू कश्मीर राज्य के त्रिकुटा पहाड़ियों में स्थित है। जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई लगभग 5200 फीट है। इस मंदिर में मां दुर्गा की आराधना माता रानी के रूप में भी की जाती है। जहां वैष्णो देवी 3 पिंडी में विराजमान है। यहां देवी काली, देवी सरस्वती ,देवी लक्ष्मी के रूप में विराजित तीनों पिंडियो को ही संयुक्त रूप से माता वैष्णो देवी का रूप कहा जाता है। जहां हर साल लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते है। यहां वैष्णो देवी गुफा मंदिर भी है ।जहां पहुंचने के लिए भक्तों को कटरा से 13 किलोमीटर दूर खडी चढ़ाई पार करनी पड़ती है। आपको बता दें की वैष्णो देवी मंदिर के पास भैरव नाथ मंदिर भी है जहां दर्शन कर सकते है। वैष्णो देवी का मंदिर पूरे वर्ष खुला रहता है। भक्त जिस भी समय जाना चाहे जाकर दर्शन कर सकते है। गर्मियों के मौसम में जाकर यात्रा करना लाभदायक होता है। आप बस , ट्रेन, हवाई जहाज और खुद के साधन से भी जा सकते हैं।
Kedarnath mandir uttrakhand
देवभूमि में स्थित हिमालय की तलहटी में बसा केदारनाथ मंदिर विश्व भर के शिव भक्तों के लिए सबसे अच्छा मंदिर है। भगवान भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंग में शुमार केदारनाथ मंदिर 3583 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। जो कि सभी 12 ज्योतिर्लिंग में सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित है। केदारनाथ मंदिर की कथा महाभारत के पांडवों से जुड़ी है। इस मंदिर को पांडवों द्वारा निर्मित माना जाता है। केदारनाथ मंदिर के बारे में कहा जाता है। कि जब महाभारत युद्ध के बाद पांडवो पाप मुक्ति के लिए भगवान शिव के पास जाना चाहते थे तो भगवान शिव पांडवों महाभारत में युद्ध में हत्या के पापों के कारण दर्शन नहीं देना चाहते थे। इसके बाद भगवान शिव पांडवों से पीछा छुड़ाने के लिए बैल के रूप में विभिन्न स्थानों में प्रकट हुए। आप केदारनाथ में देखें तो पाएंगे कि भगवान शिव का बैल रूप में कूबड़ भाग शेष रह गया था। आधुनिक केदारनाथ मंदिर का निर्माण आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा करवाया गया था। जो कि 3 भागों में विभाजित है। आपको बता दें कि इस मंदिर का निर्माण कत्यूरी शैली में किया गया है। अगर आप केदारनाथ मंदिर के जाना चाहते है तो यहां ग्रीष्मकालीन और वर्ष ऋतु में खुले रहते हैं। आप यहां किसी भी तरीके के साधन से जा सकते है।
Kashi vishvnath mandir Varanasi
भगवान शिव की नगरी के रूप में विख्यात वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर विश्व के सबसे पुराने मंदिरो में से एक है। भगवान शिव की राजधानी के रूप में प्रसिद्ध वाराणसी को स्वयं भगवान शिव द्वारा बसाया माना जाता है। काशी विश्वनाथ मंदिर का स्थल होने के कारण भगवान शिव को काशी के रक्षक के नाम से भी पुकारते है। भारत के 12 ज्योतिर्लिंग में शामिल काशी विश्वनाथ मंदिर को धार्मिक आस्था के कारण भगवान शिव को सबसे पुराना और प्रमुख निवास स्थान माना जाता है। जहां उन्हें ब्रम्हांड का स्वामी भी कहते है। आपको बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के प्रमुख धाम के रूप में अवस्थित है। जहां भगवान शिव विश्वनाथ के रूप में विराजमान रहते है। यह बात भी सच है कि अनेक अक्रमणकारियों द्वारा बार बार काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त करने का प्रयास किया गया। जिसके कारण वर्तमान में यहां विभिन्न ध्वस्त मंदिरों के अवशेष पड़े है। पिछले साल देश के पीएम ने काशी विश्वनाथ मंदिर को भव्य रूप से बनाने संकल्प लिया जिसे पूरा भी किया गया। काशी मंदिर की पवित्रता और धार्मिक महत्व के कारण इसे मोक्ष की नगरी भी कहा जाता है। यह मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित है। जहां रोज हजारों की तादात में भक्त यहां आते है।
Minakshi mandir Tamilnadu
दक्षिण भारत आस्था के प्रति अपना एक अलग स्नेह रखता है। जीतने मंदिर दक्षिण भारत में बने हैं। उतने मंदिर तो किसी अन्य जगह नही हैं। तमिलनाडु राज्य के सर्वाधिक प्रसिद्ध मंदिर एवम द्रविड़ शैली की अन्यतम कृति के रूप में मशहूर मीनाक्षी मंदिर तमिल नाडू के मदुराई जिले में स्थित है। मां मीनाक्षी देवी को समर्पित मीनाक्षी देवी मंदिर भगवान शिव की पत्नी मां पार्वती को समर्पित है। मदुरै में वैगाई नदी के किनारे स्थित मीनाक्षी मंदिर अपने अद्भुत वास्तुकला और विशाल गोपुरम के कारण विख्यात है। इस मंदिर का निर्माण 17 वीं सदी में पंड्या राजाओं ने अपनी राजधानी मदुरई में करवाया था। यह अम्मन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में 14 प्रवेश द्वार या गोपुरम से सुजस्जित मीनाक्षी मंदिर में 985 स्तंभ है। जहां विभिन्न देवी देवताओं की प्रतिको को विशेष और खूबसूरत आकृति से उकेरा गया है। अपनी शानदार भव्यता और अनोखी वास्तुकला के लिए मीनाक्षी मंदिर दुनियाभर में प्रसिद्ध है।मछली के समान आकृति की वजह से इसका नाम मीनाक्षी मंदिर रखा गया। इस मंदिर में आठ खंबे मां लक्ष्मी को समर्पित है। इसलिए दक्षिण भारत के सबसे खूबसूरत मंदिरो में ये शुमार है। आप अगर इस मंदिर में जाकर दर्शन करना चाहते है तो आप पूरे साल जा सकते हैं। आप किसी भी साधन से पहुंच सकते है।
Dwarikadheesh mandir, Dwarika
भगवान श्री कृष्ण की नगरी के रूप में विख्यात द्वारिका में स्थित द्वारिकाधीश मंदिर भारत के चार धामों में पश्चिम भारत में स्थित धाम है। यहां भगवान श्री कृष्ण की पूजा द्वारिकाधीष के रूप में होती है। जिसका अर्थ है द्वारिका के स्वामी या राजा। आपको बता दें 2500 वर्ष से भी प्राचीन द्वारिकाधीस मंदिर गुजरात राज्य के द्वारिका में स्थित है। जो कि इस शहर का केंद्र बिंदु भी है।40 फीट ऊंचे इस मंदिर में कुल 72 खंबे लगे है। इस मंदिर को पांच मंजिला निर्मित किया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण मथुरा छोड़ने के पश्चात स्वयं अपने हाथों से द्वारिकापूरी का निर्माण किया था। यही वजह है कि भगवान द्वारकाधीश की समर्पित इस शहर का नाम भगवान कृष्ण के नाम पर द्वारिकापुरी या द्वारिका रखा गया है। अगर आप भी द्वारकाधीश के भक्त है और दर्शन करना चाहते है। तो आप हवाई मार्ग, रेल मार्ग , बस सेवा, या फिर निजी साधन से जा सकते हैं। सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जामनगर है। जिसके बाद आप टैक्सी ले सकते है।
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