Ajit Doval jinhone Pakistan me jasusi ki: आपसे पूछा जाए कि एक देश सबसे ज्यादा किसकी वजह से सुरक्षित रहता है तो आपका जवाब होगा पुलिस , सेना या सरकार की वजह से सुरक्षित माना जाता है लेकिन आप थोड़ा गलत सोचते है भारत हो या दुनिया का कोई भी देश अगर सुरक्षित माना जाता है तो उसमें उस देश की खुफिया एजेंसी का रोल सबसे अहम होता है जो देश के अंदर भी काम करती है और देश के बाहर भी करती है । आज की वीडियो कुछ ऐसे ही खुफिया एजेंसी के अधिकारी से जुड़ी है जिसके हाथों मे देश को सुरक्षित रखने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है । वह शख्स जिसके फैसले से पहले देश के पीएम भी फैसला नहीं ले सकते ।
अगर आपसे कहें तो यूं तो हमारे देश में देशभक्तों कि कमी नहीं है आजादी के पहले ही देश में ऐसे वीर सपूत रहे है जिन्होंने देश के प्रति अपना सबकुछ न्योछावर कर खुशी खुशी अपना बलिदान दिया है और उन्ही देशभक्त के त्यागो का नतीजा है कि आज हम आजाद मुल्क में रह रहे है लेकिन आजादी दिलाने तक ही देशभक्ति ही देशभक्ति की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि आजादी को बरकरार रखते हुए और देश की सुरक्षा को बरकरार रखने की जरूरत होती है आज हम इस वीडियो में एक ऐसे देशभक्त के बारे में बात करेंगे जिन्होंने भारत के गौरव को कायम रखने के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया । आज हम इस आर्टिकल में बताएंगे अजीत डोवाल के बारे में। जो एक मुसलमान बनकर पाकिस्तान सर उसकी खुफिया एजेंसियों को घुमाता रहा। जब पकड़ा गया तो उसने प्लास्टिक सर्जरी करा ली। आज भारत अगर चैन की सांस ले रहा है तो उस शख्स का बहुत बड़ा हाथ है जी हां हम बात कर रहे है भारत के जेम्स बॉन्ड कहे जाने वाले अजीत डोवाल की। जिन्होंने पाकिस्तान में रहकर तो वहां की खुफिया जानकारी दी साथ ही भारत में कई बड़े ऑपरेशन में अजीत डोवाल का अहम योगदान है आज आपको इस वीडियो में बताएंगे कि आखिर क्यों पाकिस्तान अजीत डोवाल के नाम से थर्रा जाता है।
Jab Ajit Doval ne Pakistan ke pasine chhuda diye
Kaun Hai Ajit Doval: पाकिस्तान में सात साल तक बतौर अंडर कवर एजेंट के रूप में काम कर चुके है अजीत डोवाल पाकिस्तान में एक मुस्लिम व्यक्ति बनकर रहे अपने मिशन को अंजाम देने के लिए उन्होंने कई मुस्लिम लोगों से दोस्ती की । पाकिस्तान में कई अहम जानकारियां जुटाई और भारत भेजी । अजीत
डोवाल लौहर के औलिया कि मजार पर जाते थे इस मजार मे बहुत लोग जमा होते है एक दिन अजीत डोवाल वहां से गुजर रहे थे तभी एक व्यक्ति ने उन्हें बुलाया उसकी बहुत लम्बी और सफेद दाढ़ी थी जो देखने में मुसलमान लगता था उसने कहा तुम हिन्दू हो तब अजीत ने कहा नहीं मै मुसलमान हूं नहीं तुम झूठ बोल रहे तुम हिन्दू हो क्योंकि तुम्हारे कान मे छेद है इसके बाद अजीत डोवाल कनवर्ट हुए और बोले मै हिन्दू हूं उन्होंने कहा तुमने इतनी सूक्ष्म बातें कैसे जानी उसने कहा मै भी हिन्दू हूं । उसने अजीत
डोवाल से कहा प्लास्टिक सर्जरी करा लो नहीं तो दिक्कत ही जाएगी । उन्होंने प्लास्टिक सर्जरी करा ली । लेकिन अभी भी कान में छेद दिखता है । अजीत डोवाल मे पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों की जानकारी एकत्र की
और बड़ी तत्परता के साथ जिम्मेदारी निभाई । उनके मिशन मे दाऊद इब्राहिम जैसे बड़े आतंकी के नाम थे
Doval ka police aur khufiya career kaisa rha
भारत के जेम्स बॉन्ड अजीत डोवाल का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के बनेलस्युन गांव में हुआ था इनके पिता मेजर जे एन डोवाल सेना में अधिकारी थे देशभक्ति और देशभक्त का प्रेम अजीत के अंदर उनके पिता से आया, शुरुआती पढ़ाई के लिए वह अजमेर आए और उन्होंने मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई की । साल 1967 में उन्होंने आगरा विश्वविधालय से अर्थशास्त्र मे मास्टर डिग्री के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की । अजीत डोवाल को डाक्ट्रेट कि मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। अजीत ने अपने करियर की शुरुआत पुलिस सेवा से की । अजीत डोवाल 1968 में करेल कैडर में भारतीय पुलिस सेवा में कोट्टायम जिले के ए एसपी के रूप में शामिल हुए। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया।
jab Ajit Doval aur ajhar Masood ka hua aamna samna
अगर आप इतिहास के पन्ने पलटकर देखें तो भारत के जेम्स बांड अजीत डोवाल और पाकिस्तान का खूंखार आतंकी अजहर मसूद कई बार आमने सामने आए है । मसलन 22 बार दोनों का सामना हुआ है साल 1994 को मसूद अजहर को कश्मीर घाटी में एक पुर्तगाली एयरपोर्ट पर सफ़र करने के दौरान गलती से गिरफ्तार हुआ था। उस समय भारत की कई खुफिया एजेंसियो ने मसूद अजहर को आतंक की छोटी मछली माना था लेकिन जब यह बात अजीत डोवाल को पता चली तो वहां से पूरा मामला ही बदल गया । आपको शायद न पता हो लेकिन उस समय जेम्स बांड अजीत डोवाल इंटेलिजेंस ब्यूरो मे कश्मीर घाटी में पोस्टेड थे । तब उन्होंने यह खबर भारत सरकार को दी । जिसके बाद आतंकी मसूद अजहर को पकड़ लिया गया। मसूद को तब 1994 से लेकर 1999तक यानी पांच साल तक कोट बलवल जेल में रहना पड़ा था। 26 साल का मसूद अजहर खुद को हरकत उल मुजाहिद्दीन का पत्रकार बता रहा था। साथ ही एक नकली पासपोर्ट पर यात्रा कर रहा था। इतना ही नहीं घाटी के लोगों को बरगला भी रहा था । जांच में पता चला कि मसूद अजहर को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत में कई बड़े आतंकी हमले करने के लिए बोला था। अजीत
डोवाल और उनकी टीम ने कई जानकारियां जमा की थी। और यह पाया गया की कितना बड़ा आतंकी है एक खास बात आपको बताएं अजीत डोवाल की टीम में एक अधिकारी आसिफ इब्राहीम भी थे । जो अभी भी उनके साथ काम कर रहे है । भारत सरकार को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब साल 1999 मे एयर इंडिया के हाईजैक किए गए विमान ic 814 को मसूद अजहर के साथीयों ने हैक कर लिया । अजीत डोवाल जानते थे कि इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ है। आतंकियों ने मसूद अजहर को छोड़ने की बात कही थी । और उस प्लेन को आतंकी अफगानिस्तान के कंधार ले गए थे। तब अजीत डोवाल अपहरणकर्ताओं से बातचीत के लिए अफगानिस्तान गए थे। उस समय अजीत आईबी के बतौर एडिशनल डायरेक्टर थे । उनकी निगरानी में आतंकी मसूद अजहर को कंधार ले जाया गया। और उस सौंप दिया गया। भारत में जब साल 2001 में भारत के मंदिर संसद में आतंकी हमला हुआ तो इसके पीछे जैश ए मोहम्मद और मसूद अजहर का नाम सामने आया था।
China aur Pakistan kyon Ajit Doval se darte hai
30 मई 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजीत डोवाल को देश का पांचवा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था पीएम मोदी के सबसे भरोसेमंद अफसर माने जाते है अजीत डोवाल, आपको पता न हो लेकिन भारत के दोनों पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और चीन अजीत डोवाल से थर थर कांपते है यह बात सच है कि भारत के जेम्स बांड अजीत डोवल को जो लोग पसन्द नहीं करते उन्हे पीठ पीछे दरोगा नाम से पुकारते है । ऐसा माना जाता है कि अजीत डोवल को राजनीति और विदेश नीति की इतनी समझ नहीं है जितनी उन्हे अपने पद की है डोकलाम घाटी पर जब चीनी सैनिक घुसपैठ कर रहे थे तो अजीत डोवल ने चीनी रक्षा मंत्री से मुलाकत की फिर चीनी सैनिकों ने अपने पांव पीछे खींच लिए थे। इतना ही नहीं भारत के अंदर होती घटनाओं में अजीत डोवल की भूमिका ने देश को गौरवान्वित किया है । दिल्ली के दंगो को काबू करने में अजीत डोवल का बहुत बड़ा योगदान था। जब दिल्ली में देंगे हुए तो नरेंद्र मोदी ने अपने सबसे भरोसेमंद अफसर जेम्स बॉन्ड अजीत डोवल को इलाके में कानून व्यवस्था पर नियंत्रण करने के लिए भेजा था। यह भारत में ऐसा पहला मौका था जब देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार खुद घरेलू मामले में मौके पर पहुंचकर जायजा लिया । और पीड़ितों से बातचीत भी की। छोटे छोटे मामलों पर सलाहकार हस्तक्षेप नहीं करते यह सब काम पुलिस के बड़े अधिकारियों का होता है ।
“Artical 370 “hatne ke bad 2 mahine Kashmir me rahe Ajit Doval
5 अगस्त 2019 यह तारीख किसे याद नहीं होगी जब भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को समाप्त कर दिया । हिन्दू मुस्लिम दंगे ना हो इसलिए लिए खुद जेम्स बांड ने कश्मीर का जिम्मा संभाला । दंगो को कैसे मैनेज किया जाता है इसका उदाहरण आप 1972 में थलासरी दंगो से ले सकते है । उस समय अजीत डोवाल वहीं पोस्टेड थे और एक सप्ताह में स्थित को सामान्य कर दिया था। कश्मीर से आर्टिकल 370 समाप्त हुआ तो अजीत डोवाल ने लॉक डाउन के शुरुआती दिन पखवाड़े में बिताए । स्थानीय लोगों के साथ बिरयानी भी खाई। पूरी स्थित को ऐसे मैनेज किया कि एक भी दंगा नहीं हुआ। दोस्तों देश आज सुरक्षित है तो उसमें जेम्स बॉन्ड अजीत डोवाल का बहुत बड़ा योगदान है।
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